जप करते समय नींद आए तो क्या करें? भोजन और दिनचर्या का समाधान

क्या आप जप/भजन करते समय नींद से जूझ रहे हैं?

यदि हाँ, तो इसका मुख्य कारण तामसिक भोजन और अनियमित दिनचर्या हो सकता है। जानिए कैसे सात्विक आहार और सही विधि से नींद पर विजय पाएँ।

जप करते समय नींद आए तो क्या करें?
साधना में सफलता चाहिए? तो पहले अपने शरीर और मन को अनुशासित करो!

1. भोजन का प्रभाव: सात्विक vs तामसिक

🔴 न करें (तामसिक भोजन):

  • प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा

  • बासी, अधिक तेल-मिर्च वाला खाना

  • ज्यादा मसालेदार या भारी भोजन

🟢 करें (सात्विक भोजन):

  • ताजा, हल्का एवं सुपाच्य भोजन

  • फल, दूध, घी, मेवे

  • कम नमक-मिर्च, शहद या गुड़ का उपयोग

“जैसा खाए अन्न, वैसा बने मन।”
– तामसिक भोजन → आलस्य बढ़ाता है।
– सात्विक भोजन → मन एकाग्र रहता है।

2. नींद पर कैसे जीतें? (व्यावहारिक उपाय)

(A) अगर जप करते समय नींद आए:

✅ खड़े हो जाएँ – बैठे-बैठे झपकी लेने से बेहतर है कि खड़े होकर जप करें।
✅ टहलना शुरू करें – हल्की चहलकदमी करें और जप जारी रखें।
✅ ठंडे पानी से मुँह धोएँ – इससे नींद भाग जाती है।

(B) नींद का समय निश्चित करें:

🌙 रात को 6 घंटे की गहरी नींद लें – अधिक सोने से आलस्य बढ़ता है।
☀️ सुबह जल्दी उठें – ब्रह्म मुहूर्त (3:30 AM – 5:30 AM) में जप करने से एकाग्रता बढ़ती है।

“नींद को नींद के समय दें, भजन को भजन का समय।”

3. सफलता की कहानी: एक भक्त का अनुभव

*”मैं रात को देर तक जागकर भजन करता था, पर नींद आ जाती थी। जब मैंने प्याज-लहसुन छोड़ा और सुबह 4 बजे उठकर जप करना शुरू किया, तो मन पूरी तरह सजग रहने लगा!”*
– श्री राम, हरिद्वार

4. अंतिम सुझाव: संयम और नियम

✔ दिन में एक बार हल्का भोजन (यदि संभव हो)
✔ रात्रि जागरण न करें – प्राकृतिक नींद लें
✔ सुबह जप के लिए निश्चित समय बनाएँ

“जप और ध्यान में सफलता चाहिए? तो पहले पेट और नींद को अनुशासित करें!”

निष्कर्ष

यदि आप सात्विक भोजन लें, ठीक समय पर सोएँ-जागें, और जप करते समय सजग रहें, तो नींद आपके साधना में बाधा नहीं बनेगी।

 

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